बीजिंग, प्रेट्र। दलाई लामा के मुद्दे पर चीन ने एक बार फिर से भारत के रुख के प्रति नाराजगी जाहिर की है। उसने भारत को आगाह किया है कि वह उसकी चिंता के विषयों को तवज्जो दें अन्यथा दोनों देशों के संबंध प्रभावित हो सकते हैं। चीन ने यह बात बिहार में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में दलाई लामा को आमंत्रित किये जाने पर कही है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनीइंग ने कहा, हाल के दिनों में भारत ने कई मुद्दों पर चीन की मान्यताओं और आपत्तियों को सम्मान नहीं दिया है। इस तरह के मामलों में भारत सरकार द्वारा आयोजित होने वाले बौद्ध सम्मेलन में दलाई लामा का आमंत्रण भी शामिल है।
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चीन भारत के इस कदम को सख्ती से अस्वीकार करता है और उसका विरोध करता है। प्रवक्ता ने कहा, हमारा अनुरोध है कि भारत दलाई लामा और उनके साथियों के अलगाववादी व्यवहार को पहचाने और तिब्बत व उससे जुड़े विषयों का सम्मान करे। भारत द्विपक्षीय संबंधों के हित में चीन को चिंतित करने वाले मामलों को न उभारे। उल्लेखनीय है कि बिहार के राजगीर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार का उद्घाटन 17 मार्च को दलाई लामा ने किया था। इसमें कई देशों के बौद्ध भिक्षु और विद्वान भाग ले रहे हैं।इससे पहले चीन ने दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश जाने पर आपत्ति जताई थी। अरुणाचल को दोनों देशों के बीच का विवादित स्थल बताते हुए वहां पर दलाई लामा को आमंत्रित किये जाने को गलत बताया था।
ओबीओआर के प्रति सकारात्मक रुख दिखाए भारत
चीन ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) की पहल के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने की अपेक्षा भारत से की है। चीन ने इस परियोजना की सोच संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रखी है। उसका दावा है कि परियोजना को दुनिया के देशों के काफी समर्थन मिल रहा है। ओबीओआर कई देशों को साथ जोड़ने की योजना है जिससे सभी देशों को लाभ पहुंचने की संभावना जताई गई है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनीइंग ने कहा, हाल के दिनों में भारत ने कई मुद्दों पर चीन की मान्यताओं और आपत्तियों को सम्मान नहीं दिया है। इस तरह के मामलों में भारत सरकार द्वारा आयोजित होने वाले बौद्ध सम्मेलन में दलाई लामा का आमंत्रण भी शामिल है।
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चीन भारत के इस कदम को सख्ती से अस्वीकार करता है और उसका विरोध करता है। प्रवक्ता ने कहा, हमारा अनुरोध है कि भारत दलाई लामा और उनके साथियों के अलगाववादी व्यवहार को पहचाने और तिब्बत व उससे जुड़े विषयों का सम्मान करे। भारत द्विपक्षीय संबंधों के हित में चीन को चिंतित करने वाले मामलों को न उभारे। उल्लेखनीय है कि बिहार के राजगीर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार का उद्घाटन 17 मार्च को दलाई लामा ने किया था। इसमें कई देशों के बौद्ध भिक्षु और विद्वान भाग ले रहे हैं।इससे पहले चीन ने दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश जाने पर आपत्ति जताई थी। अरुणाचल को दोनों देशों के बीच का विवादित स्थल बताते हुए वहां पर दलाई लामा को आमंत्रित किये जाने को गलत बताया था।
ओबीओआर के प्रति सकारात्मक रुख दिखाए भारत
चीन ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) की पहल के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने की अपेक्षा भारत से की है। चीन ने इस परियोजना की सोच संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रखी है। उसका दावा है कि परियोजना को दुनिया के देशों के काफी समर्थन मिल रहा है। ओबीओआर कई देशों को साथ जोड़ने की योजना है जिससे सभी देशों को लाभ पहुंचने की संभावना जताई गई है।
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