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खुशहाली के मामले में भारत से कहीं आगे है पाकिस्तान, डेनमार्क है नंबर वन

नई दिल्ली (रॉयटर)। क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे खुशहाल देश कौन सा है। यदि आप यह नहीं जानते हैं तो इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे। वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2017 के मुताबिक डेनमार्क दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। उसने पिछली बार इस लिस्ट में नंबर पर मौजूद नॉर्वे को हटाकर यह खिताब हासिल किया है। संयुक्त राष्ट्र ने इस तरह की मुहिम पहली बार वर्ष 2012 में शुरू की थी। युक्त राष्ट्र की एक रपट के अनुसार, सर्वाधिक खुशहाल देशों की वैश्विक सूची में भारत 122वें पायदान पर है, जबकि आतंकवाद से त्रस्त पाकिस्तान और गरीबी से जूझ रहे नेपाल इस सूचकांक में भारत से बेहतर स्थिति में हैं। सोमवार को जारी रपट के अनुसार, भारत तीन पायदान नीचे सरक आया है, क्योंकि पिछले वर्ष यह 118वें स्थान पर था। यह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन दक्षेस के अधिकांश देशों से पीछे था। हालांकि संकटग्रस्त अफगानिस्तान 141वें स्थान पर था। दक्षेस के आठ देशों में पाकिस्तान 80 वें स्थान पर, नेपाल 99वें, भूटान 97वें, बांग्लादेश 110वें, जबकि श्रीलंका 120वें स्थान पर है। हालांकि मालदीव को विश्व खुशहाली रपट में जगह ही नहीं मिल प

सर्जिकल स्ट्राइक के कमांडर को राष्ट्रपति ने दिया कीर्ति चक्र

नई दिल्ली, प्रेट्र। पिछले वर्ष सितंबर में पाकिस्तान अधिकृत गुलाम कश्मीर में घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह करने वाले सर्जिकल स्ट्राइक टीम में शामिल सेना के जांबाजों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस अहम सैन्य अभियान के कमांडर पैराशूट रेजिमेंट के मेजर रोहित सूरी को शांति समय का दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र प्रदान किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान अदम्य बहादुरी दिखाने के लिए नायब सूबेदार विजय कुमार को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। अभियान में शामिल अन्य जवानों को भी अहम पुरस्कार दिए गए। प्रणब ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में वीर जवानों को सम्मानित किया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री अरुण जेटली सहित कई अन्य मंत्री और उच्चाधिकारी मौजूद थे। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान मेजर सूरी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए नजदीकी मुकाबले में दो खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया। सभी आतंकवादियों को मार गिराने का

पाकिस्तान से लौटे पीरजादों ने नहीं बताया, कहां रहे दो दिन

नई दिल्ली। निजामुद्दीन औलिया दरगाह के गायब पीरजादे सोमवार को भारत तो लौट आए, लेकिन दो दिनों तक वे कहां रहे इस रहस्य पर अभी तक पर्दा पड़ा हुआ है। सूफी दरगाह के आसिफ अली निजामी और नाजिम अली निजामी ने यह तो स्वीकार किया है कि उनसे पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की, लेकिन इस दौरान उन्हें कहां रखा गया, इसको लेकर वे कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। दोनों पीरजादे सीधे तौर पर पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को दोष नहीं दे रहे, लेकिन पाकिस्तानी समाचार पत्रों ने उन्हें भारतीय खुफिया एजेंसी 'रॉ' व पाकिस्तान के राजनीतिक दल एमक्यूएम का एजेंट करार दिया है। दूसरी तरफ, एक प्रमुख भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उनके पाकिस्तानी एजेंसियों के साथ संबंध होने का आरोप लगाकर स्थिति को बेहद अजीब बना दिया है। स्वदेश लौटने के कुछ ही घंटे बाद आसिफ निजामी और नाजिम निजामी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर और वीके सिंह से मुलाकात की। अभी तक दोनों के गायब होने पर काफी सक्रिय रहे विदेश मंत्रालय ने भी अब चुप्पी साध ली है। विदेश मंत्रालय के सूत्र पहले इस बात पर शक जाहिर कर

चीन ने भारत को दी धमकी, दलाई लामा के लिए रिश्ते ना करें खराब

बीजिंग, प्रेट्र। दलाई लामा के मुद्दे पर चीन ने एक बार फिर से भारत के रुख के प्रति नाराजगी जाहिर की है। उसने भारत को आगाह किया है कि वह उसकी चिंता के विषयों को तवज्जो दें अन्यथा दोनों देशों के संबंध प्रभावित हो सकते हैं। चीन ने यह बात बिहार में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में दलाई लामा को आमंत्रित किये जाने पर कही है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनीइंग ने कहा, हाल के दिनों में भारत ने कई मुद्दों पर चीन की मान्यताओं और आपत्तियों को सम्मान नहीं दिया है। इस तरह के मामलों में भारत सरकार द्वारा आयोजित होने वाले बौद्ध सम्मेलन में दलाई लामा का आमंत्रण भी शामिल है। यह भी पढ़ें- पाक से लौटे सूफियों ने खोले राज, जानें कराची में लापता होने की दास्तां चीन भारत के इस कदम को सख्ती से अस्वीकार करता है और उसका विरोध करता है। प्रवक्ता ने कहा, हमारा अनुरोध है कि भारत दलाई लामा और उनके साथियों के अलगाववादी व्यवहार को पहचाने और तिब्बत व उससे जुड़े विषयों का सम्मान करे। भारत द्विपक्षीय संबंधों के हित में चीन को चिंतित करने वाले मामलों को न उभारे। उल्लेखनीय है कि बिहार के राजगीर में आयो

चीन सीमा पर बनेगी हेलीकॉप्टर यूनिट

फाइल फोटो उत्तरकाशी। चीन के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव के बीच भारत ने अपनी सीमाओं को अभेद्य बनाने की कवायद शुरू कर दी है। जल्द ही वायुसेना की हेलीकॉप्टर यूनिट उत्तरकाशी में तैनात कर दी जाएगी। इसके तहत सोमवार को वायुसेना, सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के अधिकारियों ने इनर लाइन में आने वाले हर्षिल क्षेत्र का निरीक्षण किया। उत्तराखंड में 345 किलोमीटर लंबी सीमा चीन से सटी है। इसमें से 133 किलोमीटर उत्तरकाशी जिले में है। सीमा पर सुरक्षा की जिम्मेदारी आइटीबीपी के पास है। सामरिक दृष्टि से संवेदनशील इस जिले में लंबे समय से सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2013 में वायुसेना ने उत्तरकाशी के पास चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर परीक्षण उड़ान भरी थी। उस वक्त यहां पहली बार एयरफोर्स का सीजे-हरक्यूलिस विमान उतारा गया।  बीते वर्ष सितंबर 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इसके तत्काल बाद आइटीबीपी ने सीमा पर नेलांग, नागा और सोनम चौकियों पर युद्धाभ्यास भी किया था। नवंबर 2016 में तत्कालीन