Skip to main content

भ्रष्टाचार खत्म करने में भारत ने चीन को पछाड़ा, डेनमार्क सबसे आगे

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार से जंग के मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के 'करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015' पर भारत की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाल आया है। भ्रष्टाचार के इस सूचकांक पर भारत बेहतर प्रदर्शन से कई पायदान ऊपर चढ़कर 2015 में 76वें स्थान पर पहुंच गया है जबकि वह 2014 में 85वें और 2013 में 94वें नंबर पर था। 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से देखें तो 2013 से अब तक भारत की रैंक में 18 पायदान का सुधार हुआ है।
रैंकिंग में सुधार का मतलब यह है कि देश में भ्रष्टाचार में कमी आई है। हालांकि भ्रष्टाचार को काबू करने के मामले में पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल का प्रदर्शन अब भी काफी खराब है और इनकी रैंकिंग भारत से काफी पीछे है। मोदी सरकार बनने के बाद अबकी बार भारत की रैंक में 9 पायदानों का सुधार हुआ है। वहीं इस दफा कुल 38 अंक हासिल करके अपनी स्थिति में सुधार किया है। भ्रष्टाचार कम करने के मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है।जर्मनी की राजधानी बर्लिन स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने बुधवार को भ्रष्टाचार की सूचक 'करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015' रिपोर्ट जारी की। 168 देशों पर आधारित इस रिपोर्ट में डेनमार्क लगातार दूसरे साल पहला स्थान पाकर एक बार फिर दुनिया के सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देश के रूप में उभरा है। वहीं सबसे ज्यादा भ्रष्ट उत्तर कोरिया और सोमालिया हैं। जहां तक भारत के पड़ोसी देशों की रैंकिंग का सवाल है तो 'करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015' चीन 83वें, बांग्लादेश 139वें, श्रीलंका 83वें और पाकिस्तान 117वें नंबर पर है। हालांकि भूटान का प्रदर्शन बेहतर है और उसकी रैंक 27वीं है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल 0 से 100 के स्केल पर सभी देशोंे की रैंकिंग करता है। अगर किसी देश का स्कोर जीरो के निकट है वह सबसे भ्रष्ट देश की श्रेणी में आता है जबकि 100 के करीब स्कोर वाला देश सबसे साफ-सुथरा यानी भ्रष्टाचार मुक्त देश माना जाता है। इस लिहाज से 2015 के इंडेक्स में 168 देशों में दो-तिहाई देशों के अंक 50 से भी कम (यानी अति भ्रष्ट देश) हैं। दुनिया में सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देश डेनमार्क स्कोर 100 में से 91 है। वहीं भारत का प्रदर्शन भी दो साल पहले की तुलना में बेहतर हुआ है। 'करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2013' पर भारत का स्कोर 36 था जो अब बढ़कर 38 हो गया है। इस सूचकांक पर चीन का स्कोर 37 है। भूटान को छोड़ भारत के अन्य पड़ोसी देशों का स्कोर इससे भी कम है। जहां तक अन्य देशांे का सवाल है तो 'करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015' पर फिनलैंड, दूसरे, स्वीडन तीसरे, न्यूजीलैंड चौथे, नीदरलैंड और नार्वे पांचवें, कनाडा नौंवे, जर्मनी व ब्रिटेन दसवें तथा अमेरिका 16वें नंबर पर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूरी दुनिया में एक भी देश भ्रष्टाचार मुक्त नहीं है।
ईमानदारी जांचने के ये हैं आधार :-
-प्रेस की आजादी का स्तर।
-बजट जानकारियों तक लोगों की पहुंच।
-सत्ता और न्यायपालिका में बैठे लोगों में ईमानदारी का स्तर।
-सरकारी विभागों में गरीब और रईसों के प्रति भेदभाव नहीं।
'पूरी दुनिया में भ्रष्टाचार ज्वलंत मुद्दा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि पूरी दुनिया में लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। सड़कों पर उतर रहे हैं।'
-जोस उगाज, चेयर, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल

Comments

Popular posts from this blog

18 सितम्बर साप्ताहिक क्विज हेतु लिंक

इस क्विज को आप सभी बच्चों से 24 सितम्बर 2021 (शुक्रवार) तक पूरा कराएं। कक्षा 1 और 2 के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण संदेश: क्विज़ पूरा करने के बाद, उत्तर पाने के लिए अंत में दिए गए बटन पर क्लिक करें!अंत में आपको पढ़ने के लिए विशेष गतिविधियां। मिलेंगी) सभी अध्यापक अपने विद्यालय का U-DISE कोड बच्चों के ग्रुप पर जरूर शेयर करें।  6-8 के बच्चे क्विज अभ्यास शुरू करने के लिए चैट में Hello भेजें। सभी कृपया ध्यान दें – कक्षा 1 एवं 2 की क्विज का लिंक: कक्षा 1 एवं 2 की क्विज के लिए क्लिक करें, 💥💥Click Here💥💥 कक्षा 3-5 की क्विज  का लिंक: कक्षा 3 से 5 तक के क्विज के लिए क्लिक करें, 💥💥Click here💥💥 कक्षा 6-8 की क्विज का लिंक: कक्षा 6 से 8 की क्विज के लिए क्लिक करें, 💥💥Click here💥💥

अवार्ड पाकर शिक्षकों ने बढ़ाया मान

 

यूपी : 16 सितंबर से खुल सकते है आंगनबाड़ी केंद्र, प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में किए जाएंगे संचालित

 यूपी : 16 सितंबर से खुल सकते है आंगनबाड़ी केंद्र, प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में किए जाएंगे संचालित सार प्रदेश में कोरोना की पहली लहर की आहट के साथ ही मार्च 2017 के दूसरे सप्ताह से करीब 1.89 लाख  आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद कर दिया गया था। कोरोना की पहली लहर के दौरान ही उसी दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 जारी की गई। विस्तार बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों का संचालन शुरू होने के बाद अब आंगनबाड़ी केंद्र भी 16 सितंबर से खुल सकते है। बेसिक शिक्षा विभाग ने 15 सितंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों का प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में संचालन कराने की तैयारी की है। प्देश में कोरोना की पहली लहर की आहट के साथ ही मार्च 2017 के दूसरे सप्ताह से करीब 1.89 लाख  आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद कर दिया गया था। कोरोना की पहली लहर के दौरान ही उसी दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 जारी की गई। शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी स्कूलों के रूप में संचालित करने का प्रावधान किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष से ही आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी स...