कोर्ट में SC-ST एक्ट के 14000 मामले दर्ज हुए, और उसमें से 12000 झूठे और फर्जी पाये गये।
तो सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्णय दिया कि अब SC-ST एक्ट में सीधी गिरफ्तारी नहीं होगी, बल्कि पहले DSP रैंक का अधिकारी जांच करेगा और मामला सही होगा तो ही केस दर्ज होगा।
अब दलित सांसद सरकार पर भारत बंद के माध्यम से दबाव बनाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलना और मोदी सरकार से फैसला बदलवाना चाहते हैं, और सवर्णों की बिना जांच के गिरफ्तारी चाहते हैं..... इसलिए भारत बंद बुलाया है।
दुःख ये है कि सभी दलों के General और OBC सांसद खामोश है और सभी दल एक मत से General और OBC को बिना गुनाह जेल भेजने को सहमत है। इसका एक कारण दलित वोटों का ध्रुवीकरण भी हैं। जो General और OBC के मंत्री व सांसद, विधायक हैं जो राजनीतिक पार्टियों के दवाब व अपने पद के लालच में अपने वर्ग के साथ खड़े नहीं हो रहे हैं।
Sc/st एक्ट एक काला कानून हैं, 90% केसों में इसका गलत इस्तेमाल हुआ हैं जनरल और OBC के प्रति। इस कानून को खत्म कर देना ही चाहिए, ये एक्ट आरक्षण से भी ज्यादा खतरनाक हैं।
हम सभी General और OBC को आपस के मतभेदों को भुलाकर माननीय प्रधानमंत्री से एक ही गुज़ारिश व दवाब बनाना हैं... जिस प्रकार से विकलांग शब्द को बदलकर उसके जगह दिव्यांग कर दिया, ठीक उसी प्रकार आरक्षण शब्द को खैरात या भीख में परिवर्तित कर दे।
अगर आप General और OBC 2 अप्रैल को एकजुट न हुए, और इन दलितों का भारत बंद का सपना साकार हुआ तो याद रखना जेल की दीवारों में सबसे ज्यादा चीखें तुम्हारी ही होंगी। और तुम्हारी आने वाली पीढियां तुमसे सवाल करेगी जब तुमको अवसर मिला था इन दलितों के मनोबल को तोड़ने का तो तुम लोगों ने क्यों नहीं इनका तिलिस्म तोड़ा।
मेरा विनम्र प्रार्थना हैं सभी General और OBC से इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। और 2 अप्रैल को जरूर अपनी दुकानें खोले व भरपूर खरीदारी करें। गूँगी व अन्धी सरकारों को सबक सिखाने का बस यहीं एक तरीका हैं अपने हक़ व अधिकार के लिए लड़े।
अब आप लोग ही तय करो कि 2 अप्रैल को भारत बंद का समर्थन करना है या विरोध ?
जय हिंद - जय भारत
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