Skip to main content

Posts

Shravasti mohoutsav 2018

We're looking forward me

Srawasti mohoutsav 2018

Were you thinking about the possibility

Our constitution

                       हमारा संविधान  हमारा हक़ जैसे की हम सब लोग जानते है । हर व्यक्त को उसका बराबर हक़ मिले लेकिन संबिधान मैं कुछ ऐसे  देशधान है मतलब संबिधान का लिखा जो उसका उसको हक़ नही दिल सकता । जैसे की मैं आप को उदहारण से समझने की कोसिस कर रहा हु । आप समझ ने की कोसिस करिये गया। Eg........ Ramu Mishra   और kamu Gautam दो मित्र है । एक ही स्कूल में पढ़ रहे है लेकिन  kamu का मन पढ़ने मैं जादा नही लगता है। और Ramu दिन रात एक कर कर पढता रहा। कुछ दिन बाद एग्जाम हुआ और रिजल्ट कुछ ऐसा आया। जो जादा नही पढ़ ता था उसका रिजल्ट 45 •/• परसेंटेज पाया और रामु जो दिन रात पढता था वह पाया 85 •/• परसेंटेज पाया लेकिन नौकरी करने एक ही  गवर्नमेंट सेक्टर में गये और कामु का परसेंटेज कम होने पर वह ये नौकरी पा गया लेकिन  रामु का परसेंटेज  जादा था फिर भी वह नही ये नौकरी पाया । और रामु को नौकरी मिला भीतो कामु से नीचे 3rd क्लास का  बोलो ये कहा का इन्साफ हुआ । क्या आप को लगता है । सबको उसका बराबर हक़ मिल रहा है। अगर नही तो आप अपना सुझाव हमारे वेबसाइट पर भेजे मैं इसे ऊपर तक इसक

अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच को सियासी रंग दे रही 'आप': सीबीआई

नई दिल्ली। सीबीआई ने आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों को वापस करने के फैसले के खिलाफ अपील करते हुए शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अपना जवाब दाखिल किया। सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि आप सरकार अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच को सियासी रंग देने का काम कर रही है।इससे पहले दिल्ली की एक विशेष अदालत ने बुधवार को सीबीआई को आदेश दिया था कि वह दिल्ली सचिवालय पर मारे गए छापे के दौरान जब्त किए गए कुछ कागजात वापस लौटाए। बीते साल 15 दिसंबर को सीबीआई ने सीएम अरविंद केजरीवाल के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर में छापा मारा था। इसके खिलाफ दिल्ली सरकार ने कोर्ट में अपील करके मांग की थी कि छापे के दौरान जब्त किए गए कुछ कागजात लौटाए जाएं।

भ्रष्टाचार खत्म करने में भारत ने चीन को पछाड़ा, डेनमार्क सबसे आगे

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार से जंग के मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के 'करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015' पर भारत की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाल आया है। भ्रष्टाचार के इस सूचकांक पर भारत बेहतर प्रदर्शन से कई पायदान ऊपर चढ़कर 2015 में 76वें स्थान पर पहुंच गया है जबकि वह 2014 में 85वें और 2013 में 94वें नंबर पर था। 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से देखें तो 2013 से अब तक भारत की रैंक में 18 पायदान का सुधार हुआ है। रैंकिंग में सुधार का मतलब यह है कि देश में भ्रष्टाचार में कमी आई है। हालांकि भ्रष्टाचार को काबू करने के मामले में पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल का प्रदर्शन अब भी काफी खराब है और इनकी रैंकिंग भारत से काफी पीछे है। मोदी सरकार बनने के बाद अबकी बार भारत की रैंक में 9 पायदानों का सुधार हुआ है। वहीं इस दफा कुल 38 अंक हासिल करके अपनी स्थिति में सुधार किया है। भ्रष्टाचार कम करने के मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है।जर्मनी की राजधानी बर्लिन स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने बुधवार

खुशहाली के मामले में भारत से कहीं आगे है पाकिस्तान, डेनमार्क है नंबर वन

नई दिल्ली (रॉयटर)। क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे खुशहाल देश कौन सा है। यदि आप यह नहीं जानते हैं तो इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे। वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2017 के मुताबिक डेनमार्क दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। उसने पिछली बार इस लिस्ट में नंबर पर मौजूद नॉर्वे को हटाकर यह खिताब हासिल किया है। संयुक्त राष्ट्र ने इस तरह की मुहिम पहली बार वर्ष 2012 में शुरू की थी। युक्त राष्ट्र की एक रपट के अनुसार, सर्वाधिक खुशहाल देशों की वैश्विक सूची में भारत 122वें पायदान पर है, जबकि आतंकवाद से त्रस्त पाकिस्तान और गरीबी से जूझ रहे नेपाल इस सूचकांक में भारत से बेहतर स्थिति में हैं। सोमवार को जारी रपट के अनुसार, भारत तीन पायदान नीचे सरक आया है, क्योंकि पिछले वर्ष यह 118वें स्थान पर था। यह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन दक्षेस के अधिकांश देशों से पीछे था। हालांकि संकटग्रस्त अफगानिस्तान 141वें स्थान पर था। दक्षेस के आठ देशों में पाकिस्तान 80 वें स्थान पर, नेपाल 99वें, भूटान 97वें, बांग्लादेश 110वें, जबकि श्रीलंका 120वें स्थान पर है। हालांकि मालदीव को विश्व खुशहाली रपट में जगह ही नहीं मिल प

तृणमूल सांसद सुल्तान अहमद ने किया योगी आदित्यनाथ का समर्थन

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के सांसद व इस पार्टी के उपाध्यक्ष सुल्तान अहमद ने आदित्यनाथ योगी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित होने के बाद योगी और मौलवी दोनों को ही संवैधानिक पद पर बैठने का अधिकार है। योगी के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने की आलोचना करना गलत है। जनादेश मिलने के बाद भाजपा को अपने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार है। योगी पांच बार सांसद रहे हैं। कुछ राजनीतिक दलों ने योगी की ताजपोशी की आलोचना की है। सुल्तान अहमद की ही पार्टी तृणमूल ने भाजपा के राजनीतिक ध्रुवीकरण के खिलाफ बसपा व सपा समेत अन्य दलों के साथ मिलकर विपक्ष का महागठबंधन बनाने की बात कही है। वहीं अहमद ने योगी को मुख्यमंत्री बनाने के भाजपा के कदम का समर्थन किया है।