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Our constitution

                       हमारा संविधान  हमारा हक़ जैसे की हम सब लोग जानते है । हर व्यक्त को उसका बराबर हक़ मिले लेकिन संबिधान मैं कुछ ऐसे  देशधान है मतलब संबिधान का लिखा जो उसका उसको हक़ नही दिल सकता । जैसे की मैं आप को उदहारण से समझने की कोसिस कर रहा हु । आप समझ ने की कोसिस करिये गया। Eg........ Ramu Mishra   और kamu Gautam दो मित्र है । एक ही स्कूल में पढ़ रहे है लेकिन  kamu का मन पढ़ने मैं जादा नही लगता है। और Ramu दिन रात एक कर कर पढता रहा। कुछ दिन बाद एग्जाम हुआ और रिजल्ट कुछ ऐसा आया। जो जादा नही पढ़ ता था उसका रिजल्ट 45 •/• परसेंटेज पाया और रामु जो दिन रात पढता था वह पाया 85 •/• परसेंटेज पाया लेकिन नौकरी करने एक ही  गवर्नमेंट सेक्टर में गये और कामु का परसेंटेज कम होने पर वह ये नौकरी पा गया लेकिन  रामु का परसेंटेज  जादा था फिर भी वह नही ये नौकरी पाया । और रामु को नौकरी मिला भीतो कामु से नीचे 3rd क्लास का  बोलो ये कहा का इन्साफ हुआ । क्या आप को लगता है । सबको उसका बराबर हक़ मिल रहा है। अगर नही तो आप अपना सुझाव हमारे वेबसाइट पर भेजे मैं इसे ऊपर तक इसक

अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच को सियासी रंग दे रही 'आप': सीबीआई

नई दिल्ली। सीबीआई ने आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों को वापस करने के फैसले के खिलाफ अपील करते हुए शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अपना जवाब दाखिल किया। सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि आप सरकार अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच को सियासी रंग देने का काम कर रही है।इससे पहले दिल्ली की एक विशेष अदालत ने बुधवार को सीबीआई को आदेश दिया था कि वह दिल्ली सचिवालय पर मारे गए छापे के दौरान जब्त किए गए कुछ कागजात वापस लौटाए। बीते साल 15 दिसंबर को सीबीआई ने सीएम अरविंद केजरीवाल के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर में छापा मारा था। इसके खिलाफ दिल्ली सरकार ने कोर्ट में अपील करके मांग की थी कि छापे के दौरान जब्त किए गए कुछ कागजात लौटाए जाएं।

भ्रष्टाचार खत्म करने में भारत ने चीन को पछाड़ा, डेनमार्क सबसे आगे

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार से जंग के मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के 'करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015' पर भारत की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाल आया है। भ्रष्टाचार के इस सूचकांक पर भारत बेहतर प्रदर्शन से कई पायदान ऊपर चढ़कर 2015 में 76वें स्थान पर पहुंच गया है जबकि वह 2014 में 85वें और 2013 में 94वें नंबर पर था। 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से देखें तो 2013 से अब तक भारत की रैंक में 18 पायदान का सुधार हुआ है। रैंकिंग में सुधार का मतलब यह है कि देश में भ्रष्टाचार में कमी आई है। हालांकि भ्रष्टाचार को काबू करने के मामले में पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल का प्रदर्शन अब भी काफी खराब है और इनकी रैंकिंग भारत से काफी पीछे है। मोदी सरकार बनने के बाद अबकी बार भारत की रैंक में 9 पायदानों का सुधार हुआ है। वहीं इस दफा कुल 38 अंक हासिल करके अपनी स्थिति में सुधार किया है। भ्रष्टाचार कम करने के मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है।जर्मनी की राजधानी बर्लिन स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने बुधवार

खुशहाली के मामले में भारत से कहीं आगे है पाकिस्तान, डेनमार्क है नंबर वन

नई दिल्ली (रॉयटर)। क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे खुशहाल देश कौन सा है। यदि आप यह नहीं जानते हैं तो इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे। वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2017 के मुताबिक डेनमार्क दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। उसने पिछली बार इस लिस्ट में नंबर पर मौजूद नॉर्वे को हटाकर यह खिताब हासिल किया है। संयुक्त राष्ट्र ने इस तरह की मुहिम पहली बार वर्ष 2012 में शुरू की थी। युक्त राष्ट्र की एक रपट के अनुसार, सर्वाधिक खुशहाल देशों की वैश्विक सूची में भारत 122वें पायदान पर है, जबकि आतंकवाद से त्रस्त पाकिस्तान और गरीबी से जूझ रहे नेपाल इस सूचकांक में भारत से बेहतर स्थिति में हैं। सोमवार को जारी रपट के अनुसार, भारत तीन पायदान नीचे सरक आया है, क्योंकि पिछले वर्ष यह 118वें स्थान पर था। यह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन दक्षेस के अधिकांश देशों से पीछे था। हालांकि संकटग्रस्त अफगानिस्तान 141वें स्थान पर था। दक्षेस के आठ देशों में पाकिस्तान 80 वें स्थान पर, नेपाल 99वें, भूटान 97वें, बांग्लादेश 110वें, जबकि श्रीलंका 120वें स्थान पर है। हालांकि मालदीव को विश्व खुशहाली रपट में जगह ही नहीं मिल प

तृणमूल सांसद सुल्तान अहमद ने किया योगी आदित्यनाथ का समर्थन

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के सांसद व इस पार्टी के उपाध्यक्ष सुल्तान अहमद ने आदित्यनाथ योगी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित होने के बाद योगी और मौलवी दोनों को ही संवैधानिक पद पर बैठने का अधिकार है। योगी के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने की आलोचना करना गलत है। जनादेश मिलने के बाद भाजपा को अपने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार है। योगी पांच बार सांसद रहे हैं। कुछ राजनीतिक दलों ने योगी की ताजपोशी की आलोचना की है। सुल्तान अहमद की ही पार्टी तृणमूल ने भाजपा के राजनीतिक ध्रुवीकरण के खिलाफ बसपा व सपा समेत अन्य दलों के साथ मिलकर विपक्ष का महागठबंधन बनाने की बात कही है। वहीं अहमद ने योगी को मुख्यमंत्री बनाने के भाजपा के कदम का समर्थन किया है।

एक्शन में सीएम, अखिलेश सरकार के सलाहकार बर्खास्त

लखनऊ : नई सरकार के गठन के बाद भी पदों से इस्तीफा नहीं देने वाले अखिलेश यादव सरकार के सलाहकारों और उपाध्यक्षों को पद से बर्खास्त कर दिया गया है। यादव सरकार ने 80 से अधिक कार्यकर्ताओं को विभिन्न विभागों में सलाहकार, उपाध्यक्ष आदि नियुक्त कर रखा था। सत्रहवीं विधानसभा के चुनाव में भाजपा को बहुमत के बाद बाद इनमें से तकरीबन 20 लोगों ने पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था। मुख्य सचिव राहुल भटनागर से की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पूर्व सरकार में विभिन्न विभागों,सार्वजनिक निगमों, परिषदों, समितियों में प्रशासनिक व्यवस्था के तहत नियुक्तगैर सरकारी सलाहकारों, अध्यक्षों, उपाध्यक्षों एवं सदस्यों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। ऐसे लोगों को कार्यमुक्त कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने कृषि उत्पादन आयुक्त अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, आयुक्त समाज कल्याण, अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों को निर्देश दिये हैं कि सरकार के फैसले का पालन सुनिश्चित कराया जाए। ध्यान रहे, अखिलेश यादव सरकार ने 80 से अधिक लोगों को विभिन्न विभागों में सलाहकार, उपाध्यक्ष, परिषदों में सदस्य नामित कर रखा था। विधानसभ

वोडाफोन व आइडिया के विलय से बनी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी

नई दिल्ली। मोबाइल सेवा क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों वोडाफोन और आइडिया ने विलय की घोषणा कर दी है। समूचे दूरसंचार बाजार के साथ ही एक अरब से ज्यादा मोबाइल ग्राहकों को मिलने वाली सेवाओं पर भी इसका असर पड़ेगा। टेलीकॉम बाजार में रिलायंस जियो के आने से शुरू हुए प्राइस वॉर का लाभ ग्राहकों को मिला। अब इन दोनों के एक होने से इनके मजबूत नेटवर्क का फायदा बेहतर फोन सेवाओं के तौर पर मिलने की उम्मीद है। ब्रिटिश फर्म वोडाफोन की भारतीय सब्सिडियरी और एवी बिड़ला समूह की कंपनी आइडिया के विलय के बाद यह पूंजी व ग्राहक संख्या के आधार पर देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगी। समूह के प्रमोटर कुमार मंगलम बिड़ला नई कंपनी के चेयरमैन होंगे। इस 23 अरब डॉलर के विलय सौदे की खबर से आइडिया सेलुलर का शेयर एक समय करीब 15 फीसद का गोता लगा गया। हालांकि बाद में एनएसई पर यह 9.62 फीसद की गिरावट के साथ 97.70 रुपये पर बंद हुआ। वोडाफोन व आइडिया की तरफ से जारी बयान से साफ है कि पूरी विलय प्रक्रिया बेहद जटिल होने वाली है। शायद इसीलिए दोनों कंपनियों ने इसके दो वर्षो में पूरा होने की बात कही है। विलय बाद बनने वाली कंपनी में वोडाफ